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गीत

kavita
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मेरी अंधी मुहब्बत का तू कह दे नाम क्या होगा ?
अगर जो प्यार सांचा हो तो वो बदनाम क्या होगा ?

हमारी चल रही सांसें जनाजें में बदल जाएँ |
धडकती दिल की धड़कन भी धधक करके ही जल जाए ||
सितारा इश्क का मेरा बने शमशान गर्दिश का |
तड़प कर जान जो मेरी कहीं दिल से निकल जाए ?
समझती तू बहुत कुछ है बहुत समझानें वाली है |
मगर रख हाथ दिल पर कह तेरा अंजाम क्या होगा ?

मेरी अंधी मुहब्बत का तू कह दे नाम क्या होगा ?
अगर जो प्यार सांचा हो तो बदनाम क्या होगा ?

सितमगर हुस्न गर तेरा मेरे दिल को जला डाले |
चमकते चाँद को राहू चबा करके ही खा डाले ||
डगर बन मौत सौदागर मिले बेकश मुसाफिर को |
कोई तोड़े सितारों को उजाड़े आसमाँ सारा ||
बता उन शाम सुबहों का हुआ परिणाम काया होगा ?

मेरी अंधी मुहब्बत का तू कह दे नाम क्या होगा ?
अगर जो प्यार सांचा हो तो बदनाम क्या होगा ?

हमारी भावना काली कपाली रूप धारे जो |
समंदर पीर जग जाए सुनामी को पुकारे जो ||
हमारा प्यार बदले और बदले पर ही तुल जाए |
किसी कातिल शिकारी को कोई सरदार मारे जो ||
बहुत ही बेरहम मगरूर जालिम तू हसीना है |
जलाऊं तेरे दिल को जो तुझे आराम क्या होगा ?

मेरी अंधी मुहब्बत का तू कह दे नाम क्या होगा ?
अगर जो प्यार सांचा हो तो बदनाम क्या होगा ?

आचार्य शिवप्रकाश अवस्थी
०९४१२२२४५४८

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