kavita
- 43 Posts
- 42 Comments
हो रही अब बात उनसे है नहीं |
मिल सकूं औकात उनसे है नहीं ||
काम जब था खूब मिलते थे कभी |
बात अब कुछ ख़ास हमसे है नहीं ||
शायरी का रंग अब बदरंग है |
रूठ सकता यार मुझसे है नहीं ||
पास तो महबूब दिल के है सदा |
खो गया दिल पास कबसे है नहीं ||
चमक दिखलाकर सुधाकर छिप गया |
तिमिर छाया चाँद जबसे है नहीं ||
लिख रहा शिव शायरी दिल खून से |
दर्द दिल इजहार सबसे है नहीं ||
आचार्य शिवप्रकाश अवस्थी
नॉएडा -०९४१२२२४५४८
Read Comments